छत्तीसगढ़ का इतिहास | History of Chhattisgarh PDF In Hindi

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छत्तीसगढ़ का इतिहास एवं संस्कृति – History and Culture of Chhattisgarh PDF Free Download

छत्तीसगढ़ का इतिहास पर सामान्य ज्ञान

1905 : छत्तीसगढ़ का प्रशासनिक परिवर्तन जिससे वर्तमान छत्तीसगढ़ की सीमाएं सुस्पष्ट हुई। पाँच रियासत का गठन किया गया कोरिया, सरगुजा, उदयपुर व जशपुर इस प्रकार पृथक मानचित्र का निर्धारण हुआ। 1918 पं० सुंदरलाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ राज्य का स्पष्ट रेखाचित्र खींचा।

1929 : छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना के संबंध में रामपुर के आनंद समाज लाइब्रेरी का छत्तीसगढ़ में राजनैतिक व सांस्कृतिक आन्दोलन संबंधी बैठके होती रहती थी इस बैठक में ठाकुर प्यारेलाल सिंह के अलावा अन्य कांग्रेसक रामदयाल तिवारी, पं० ज्वाला प्रसाद मित्र आदि प्रमुख थे।

1924 राजनीतिक जिला परिषद् में पृथक् छत्तीसगढ़ की मांग 1925 छत्तीसगढ़ सुधी संघ के गठन का प्रयास छत्तीसगढ़ के राजाओं, जमींदारों, वकीलों, गोटियों ने एक संघ निर्माण किया। इसे छत्तीसगढ़ सुधी संघ का नाम दिया गया। इस संघ का प्रधान सचिव पं० शिवदास पडिव है।

1939 : राज्य निर्माण हेतु कार्य योजना बनाने के लिए बैठक पं. सुन्दरलाल शर्मा, ठा०प्यारेलाल सिंह, टाकोटीलार बैरिस्टर, सुधाराम साव आदि ने बिलासपुर में सुधाराम साव के मकान में एक बैठक बुलाई।

1939 राष्ट्रीय जिला परिषद् के समक्ष राज्य पुनर्गठन की मांग की गई। 1946 : छत्तीसगढ़ शोषण विरोधी मंच ठाकुर प्यारेलाल सिंह द्वारा स्थापना की गई।

1953 : भाषावार प्रांतों के गठन के लिए एक आयोग बनाया गया। जिसके समक्ष छत्तीसगढ़ राज्य हेतु प्रति 1955 रायपुर विधानसभा में ठा०रामकृष्ण द्वारा अनौपचारिक प्रस्ताव प्रस्तुत

1956 : 28 जनवरी को राजनांदगांव में डॉ० खूबचंद बघेल की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ स्तरीय राजनीतिक सम्मेलन

तथा डाँ० खूबचंद बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ महासभा का गठन किया गया।

1967 रायपुर में सम्मेलन राष्ट्रपति से पृथक राज्य की मांग की गई।

1967 छत्तीसगढ़ भातृसंघ की स्थापना डॉ० खूबचंद बघेल द्वारा।

1975 पृथक् छत्तीसगढ़ राज्य के लिए सुनियोजित संघर्ष प्रारंभ।

1983 : जय छत्तीसगढ़ पार्टी की स्थापना राजिम के संत कवि पवन दीवान द्वारा की गई तथा पृथक् छत्तीसगढ़ की के समक्ष रखा।

1993: सर्वदलीय मंच के प्रयास 5 अक्टूबर को सर्वदलीय मंच राज्य निर्माण हेतु गठन किया गया। कांग्रेसी सांसद चंद्राकार, सुधीर मुखर्जी, पुरूषोत्तम कौशिक, केशव सिंह, हरि ठाकुर आदि इनमें शामिल हुए।

1994 : संसद भवन के सामने प्रदर्शन कर पृथक् छत्तीसगढ़ की मांग करते ज्ञापन दिया गया। 4,500 लोग गिरफ्तार किये गये।

1994 : 4 मार्च को गोपाल परमार ने मध्य देश विधानसभा में अशासकीय संकल्प छत्तीसगढ़ पृथक प्रस्ताव

18 मार्च, को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

1995 9 अप्रैल को दाऊ आनंद कुमार के नेतृत्व में अखण्ड धरना दिया गया, जो वर्षों तक चला।

1995 22 जनवरी, को हटरी रायपुर में छत्तीसगढ़ अस्मिता संस्थान की स्थापना की गई।

प्रथम बैठक में आचार्य सरयूकांत झा,

केयूर भूषण, रमेश नैय्यर, मुख्य रूप से उपस्थित हुए।

1997 23 जनवरी को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान।

1998 1 मई, राष्ट्रपति का अभिभाषण।

1998 1 सितम्बर, राज्य विधानसभा में पृथक राज्य का प्रस्ताव पारित तथा राष्ट्रपति को भेजा। 1999: 30 मई, को छत्तीसगढ़ राज्य संघर्ष मोर्चे का सम्मेलन जगदलपुर में आयोजित किया गया।

1999 : 20 जुलाई को छत्तीसगढ़ बंद का आयोजन किया गया। 1999 25 मई, को संसद का घेराव किया गया। जिसमें 11,278 गिरफ्तार किये गये। विद्याचरण शुक्ल के अलावा अनेक विधायक व नेता, साहित्यकार, सांसद गिरफ्तार किये गये।

2000 25 जुलाई, को लालकृष्ण आडवानी द्वारा लोकसभा में प्रस्ताव प्रस्तुत.

2000 31 जुलाई को लोकसभा में प्रस्ताव पारित |

2000 3 अगस्त को राज्यसभा में प्रस्ताव रखा गया।

20009 अगस्त को राज्यसभा में प्रस्ताव पारित।

2000 28 अगस्त को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर

20001 नवम्बर को छत्तीसगढ़ भारत के 26 वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया

नोट: छत्तीसगढ़ गठन के समय भारत के राष्ट्रपति डॉ० के० आर० नारायणन थे। मध्यप्रदेश राज्य पुर्नगठन अधिनियम के द्वारा राज्य का निर्माण हुआ।

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भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 143
PDF साइज़30 MB
CategoryHistory
Source/CreditsGoogly.Drive.Com